7 दिसंबर 2019 कौशलेंद्र राज शुक्ला
तेलंगाना में वेटरनरी डॉक्टर से दुष्कर्म और हत्या के 4 आरोपियों के एनकाउंटर पर सवाल उठने लगे हैं। सुप्रीम कोर्ट में शनिवार को इस मामले में याचिका दायर की गई। इसमें एनकाउंटर में शामिल पुलिसकर्मियों के खिलाफ एफआईआर, जांच और कार्रवाई की मांग की गई। याचिकाकर्ता एडवोकेट जीएस मणि और प्रदीप कुमार यादव ने कहा है कि इस मामले में पुलिस ने 2014 की सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन का पालन नहीं किया।एनकाउंटर होने के बाद उसकी एफआईआर दर्ज होना जरूरी है। एनकाउंटर में मारे गए या घायल हुए लोगों के परिवार को तुरंत सूचना देनी होगी। सभी मौतों की मजिस्ट्रेट जांच होगी। एनकाउंटर की जांच सीआईडी की टीम या किसी दूसरे पुलिस स्टेशन की टीम करेगी। ये जांच एनकाउंटर में शामिल टीम के प्रमुख से एक पद ऊंचे अधिकारी की निगरानी में होगी।एनकाउंटर में होने वाली मौत की सूचना राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग या राज्य मानवाधिकार आयोग को देना जरूरी है।जानकारी के लिए आप को बता दे तेलंगाना में वेटरनरी डॉक्टर से दुष्कर्म के चारों आरोपियों को पुलिस ने शुक्रवार तड़के उसी जगह एनकाउंटर में मार गिराया, जहां पीड़ित को जिंदा जलाया गया था। पुलिस ने बताया कि री-क्रिएशन के दौरान आरोपियों ने हथियार छीनकर भागने की कोशिश की। पुलिस द्वारा आत्मरक्षा में की गई फायरिंग में चारों आरोपी मारे गए।
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