5 जनवरी 2020 कौशलेंद्र राज शुक्ला
आपने नेताओं को अपनी सरकार के कामों के आंकड़ों को बताते हुए कई बार सुना होगा लेकिन कभी भी आप उनके कार्यकाल में हुई बच्चों की मौत के आंकड़ों को बताते हुए नहीं सुना होगा। तो आपकी इस कमी को भी पूरा कर दिया राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने उनके इस बयान को देखते हुए कहने में यह गुरेज नहीं है की “उम्मीदों की पराकाष्ठा पर शर्मसार होती मानवता”। नेताओं का यह बयान दिखाता है वह कितने बुद्धिजीवी हैं बच्चे मर रहे हैं लेकिन फिर भी वह अपने सरकार की विफलता की वजह दूसरे सरकार को विफल करने में लगे हुए हैं शायद दूसरे शब्दों में इसी को ही सत्ता का घमंड कहते होंगे। अगर कोटा के जेके लोन अस्पताल की बात की जाए तो वहां हालात बद से भी बद्तर अस्पताल की खिड़कियों में शीशे नहीं है भर्ती बच्चों के लिए बेड की भी कमी है और बच्चों के परिजनों के लिए भी कोई समुचित व्यवस्था नहीं है। अस्पताल में गंदगी तो इस कदर है जैसे कि पूरे कोटा का कूड़ा उस अस्पताल के पास ही जमा किया जाता है। जब विरोध बढ़ने लगा तब स्वास्थ्य मंत्री जी को सुद आई कि हम भी अस्पताल का जायजा करें जैसे ही मंत्री जी की आने की खबर अस्पताल प्रशासन को पता चली तुरंत ही अस्पताल मैं सफाई होने लगी पंखों से धूल झाड़ जाने लगी और तो और हीटर वगैरह का भी इंतजाम किया गया। लेकिन अस्पताल प्रशासन मंत्री जी की आवभगत में इतना अंधा हो गया कि उनके स्वागत के लिए हरी कलर की कालीन बिछा दी पता नहीं चल रहा था कि मंत्री जी अस्पताल में बीमारों को देखने आ रहे हैं या फिर अस्पताल का उद्घाटन करने। तमाम विरोध के बाद कालीन तो हटा दी गई पर जो लापरवाही अस्पताल प्रशासन और सरकार की तरफ से बढ़ती गई है उसका जिम्मेदार कौन है। बच्चों की मृत्यु से बच्चों के परिवार वाले गहरे सदमे में है लेकिन उनके घाव को भरने के लिए आज कोई नेता उनके घर नहीं जा रहा। याद आता है प्रियंका गांधी का वह बयान
जिसमें वह अपनी राजनीति चमकाने के चक्कर में यूपी के एक परिवार से मिलने गई थी और उन्होंने कहा था कि मुझे लाख कोशिश कर रोका गया पर मैं नहीं रोकी क्योंकि मुझे उस परिवार से मिलना था मुझे उस परिवार का दुख दर्द बांटना था। लेकिन आज जब राजस्थान में उनकी सरकार की विफलता सामने आई है तब उनको किसी और के दुख दर्द की नहीं पड़ी। ऐसे में सवाल यह उठता है कब तक झूठ के दिखावे और नेतागिरी के चक्कर में हमारा देश पिस्ता रहेगा और कब तक हमारे देश के नेता अपनी विफलताओं को छुपाने के चक्कर में ऐसे बेतुके बयान देते रहेंगे।
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