8 December 2019 Krashnan Shukla
हालांकि, बाद में प्रशासनिक अधिकारियों के साथ हुई बातचीत और कुछ मांगों को मान लेने के बाद परिजन लड़की के अंतिम संस्कार के लिए राज़ी हो गए.
लड़की के परिजन उसके शव को पास के ही एक गांव में अपनी परंपराओं के अनुसार दफ़ना दिया है.
मुख्यमंत्री को बुलाने की परिजनों की मांग के बाद कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य और उन्नाव ज़िले की प्रभारी मंत्री कमला वरुण आज फिर पीड़ित लड़की के गांव पहुंचे.
इससे पहले वहां मौजूद लखनऊ मंडल के आयुक्त मुकेश मेश्राम और आईजी एसके भगत समेत प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों की मौजूदगी में उनकी कुछ मांगें मानने और कुछ पर आश्वासन के बाद परिजन लड़की के अंतिम संस्कार को राज़ी हो गए.
राज्य सरकार की तरफ़ से पीड़ित परिवार को 25 लाख रुपये की आर्थिक सहायता पहले ही दी जा चुकी है.
कल देर शाम लड़की का शव उसके घर पहुंचने से पहले ही राज्य सरकार के कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य और मंत्री कमला वरुण ने प्रशासनिक अधिकारियों की मौजूदगी में इसे लड़की के पिता को यह चेक सौंपा था.
इसके अलावा सरकार ने परिजनों को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत दो आवास और सुरक्षा देने की भी घोषणा की. साथ ही पीड़ित लड़की की बहन के नौकरी के आवेदन पर भी विचार करने का आश्वासन दिया गया है.
पीड़ित लड़की के परिजनों की मांग थी कि सरकार की ओर से उन्हें दी गई सहायता राशि बढ़ाकर पचास लाख रुपये की जाए, बहन को नौकरी दी जाए, परिजनों को सुरक्षा और आवास दिया जाए.
सरकार ने मुक़दमे की सुनवाई फ़ास्ट ट्रैक कोर्ट में कराने की घोषणा पहले ही कर दी थी.
उन्नाव के ज़िलाधिकारी देवेंद्र पांडेय ने बीबीसी को बताया कि पीड़ित लड़की के पिता का नाम प्रधानमंत्री आवास के लिए पहले ही जा चुका है लेकिन अब तक मिला नहीं था.
उनका कहना था, “योजना के नियमों के मुताबिक़, परिवार की इकाई को आवास दिया जाता है. पीड़ित लड़की के एक भाई जो शादीशुदा हैं, उन्हें पीएम आवास योजना के तहत एक आवास दिया जाएगा. पिता के नाम पीएम आवास योजना के तहत पहले ही जा चुका था लेकिन मिला नहीं था. उन्हें भी दिलाया जाएगा.”
गांव में सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए गए हैं. आला प्रशासनिक अधिकारियों के अलावा गांव के लोग और राजनीतिक दलों के लोग भी वहां मौजूद हैं.
शनिवार रात क़रीब नौ बजे जब लड़की का शव दिल्ली से सड़क मार्ग के ज़रिए उनके गांव पहुंचा तो प्रशासनिक तैयारियों को देखकर ऐसा लग रहा था कि शायद लड़की का अंतिम संस्कार रात में ही संपन्न करा दिया जाए लेकिन परिजनों ने साफ़तौर पर इसके लिए मना कर दिया था.
लड़की के पिता का कहना था कि उनकी एक बेटी बाहर रहती है और जब तक वो नहीं आ जाती, तब तक अंतिम संस्कार नहीं होगा. लेकिन रविवार सुबह लड़की के परिजन अपनी अन्य मांगों के साथ इस बात पर भी अड़ गए थे कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जब तक नहीं आएंगे, तब तक अंतिम संस्कार नहीं होगा.
उन्नाव में गैंगरेप पीड़ित लड़की को कुछ लोगों ने गुरुवार सुबह आग के हवाले कर दिया था. बुरी तरह झुलसी लड़की की दो दिन के भीतर ही मौत हो गई.
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