11 जून 2020, ज्योति सिंह
उत्तर प्रदेश की सरकार गोवंशीय पशुओं की रक्षा और गोकशी घटनाओं से जुड़े अपराधों को रोकने के लिए अब और सख्ती करने जा रही हैं , इसके तहत इस तरह के अपराधो को संगेय व गैरजमानती बनाया जाएगा, दंड व जुर्माने को भी बढ़ाया जाएगा गोकशी करने पर 10 साल की सजा होगी. अभी तक गोवंश को नुकसान पहुंचाने पर सजा का प्रावधान नहीं था, अब इसमें 1 साल से 7 साल तक की सजा का प्रावधान कर दिया गया है, इस कदम से गोवंशी पशुओ को हानि पहुंचाने व उनके गैर कानूनी व अनियमित पर अंकुश लगाने में मदद मिलेगी!
इसके लिए सरकार उत्तर प्रदेश गो-वध निवारण (संसोधन ) अध्यादेश -2020 लाएगी ! मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में इसके मसौदे को मंजूरी दी गई, विधानमंडल सत्र होने में इसे विधेयक के रूप में दोनों सदनों से पास कराया जाएगा, इसका मकसद गोकशी की घटनाओं व गोवंश से जुड़े अपराधों को पूरी तरह से रोकना है.
(1)- गोकशी करने पर अब 10 साल की सजा- जो कोई धारा- 3, धारा -5, या धारा -5 ‘क ‘ के उपबंधों का उल्लंघन करता है या उल्लंघन करने का प्रयास करता है या उल्लंघन करने के लिए दुष्प्रेरित करता है, वह 3 साल से 10 साल की सजा पाएगा और जुर्माना भी 3 लाख से 5 लाख तक का होगा. अगर एक बार दोष सिद्ध होने के बाद पुनः अपराध करते पाया गया तो उसे दोहरे दंड से दंडित किया जाएगा, ऐसे अपराधों के अभियुक्तों का नाम, फोटोग्राफ, उसका निवास स्थल, प्रकाशित किया जाएगा!
(2)- गोमांस निकला तो चालक, वाहन मालिक व ऑपरेटर पर होगी कार्रवाई- अगर सक्षम प्राधिकारी या प्रयोगशाला द्वारा गोमांस की पुष्टि हुई तो वाहन चालक, ऑपरेटर और वाहन स्वामी पर अधिनियम के अधीन कारवाई जाएगी अगर यह सिद्ध हो जाए की परिवहन के साधन की समस्त सावधानियों के होते हुए और उसकी जानकारी के बिना अपराध में प्रयुक्त परिवहन के साधन का इस्तेमाल अपराध करने के निमित्त किसी अन्य व्यक्ति के द्वारा किया गया हैं, तो इस दायरे से बाहर होगा!
(3)- बरामद गाय के भरण- पोषण का खर्चा देना होगा- जो गाय बरामद होंगी और उनके गोवंश के भरण-पोषण पर ब्यय की वसूली अभियुक्त से 1 वर्ष की अवधि तक अथवा गाय या गोवंश को निरमुक्त किए जाने तक, जो भी पहले हो, स्वामी के पक्ष में की जाएगी!
(4)- गोवंशीय पशुओं को नुकसान पहुंचाने पर तीन लाख तक का जुर्माना- गोवंशीय पशुओं को शारीरिक क्षति द्वारा उनके जीवन को संकट में डालने अथवा उनका अंग भंग करने और गोवंशीय पशुओं के जीवन को संकट में डालने वाली परिस्थितियों में परिवहन किए जाने पर अब तक दंड नहीं था, अब यह अपराध करने पर कम से कम 1 वर्ष का कारावास होगा और 7 वर्ष तक हो सकता है, जुर्माना एक लाख से तीन लाख तक हो सकता है.
सरकार का कहना है कि उत्तर प्रदेश गोवध निवारण अधिनियम -1955 की धारा -8 में गोकशी की घटनाओं के लिए सत वर्ष की अधिकतम सजा का प्राविधान है, उक्त घटनाओं में शामिल लोगों की जमानत होने के मामले बढ़ रहे हैं, गोकशी की घटनाओं से जुड़े अभियुक्तों द्वारा न्यायालय से जमानत प्राप्त होने के बाद दोबारा ऐसी घटनाओं में संलिप्त होने के प्रकरण सामने आए हैं||
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