Upendra kumar paswan
12 may 2020
कोरोना वैश्विक महामारी की मार आज पूरे विश्व में है और अब तक इस पर कोई वैक्सीन तैयार नहीं हुआ है। इस वैश्विक महामारी से भारत जैसे देश में काफी मुश्किल का सामना करना पड़ रहा है। आज भारत देश के सभी राज्य कोरोन से अछूत नही है लगभग सभी राज्य कोरोना की चपेट में आ चुके है। इस बीच आज सबसे ज्यादा दिक्कत मजदूर इंसान के लिए हो गया है जो व्यक्ति अपना जीविका पार्जन रोज काम कर खाने वाले है। सबसे ज्यादा मुश्किल की खड़ी इन्ही लोगो के बीच उत्पन्न हो गई है। कोरोन संक्रमण से पहले बहुत सारे मजदूर अपने शहर को छोड़कर किसी अन्य शहर में जाकर अपने परिवार का पेट पालने के लिए दिन रात मेहनत करते थे तभी अपने परिवारों का पेट चला पाते। लेकिन कोरोना पुरे आम आदमी को झकझोर कर रख दिया है। अपने परिवार के लिए रोटी एक टाइम के लिए नहीं जुटा पा रहे हैं। अगर कहीं किसी तरह व्यवस्था कर भी लेते हैं तो अपने आप भूखे रह जाते हैं तभी बच्चों को कुछ अनाज दे पाते पुनः फिर से अपने बच्चे को लिए जुगाड़ में लग जाते है। आखिर कब तक आम मजदूर इस महामारी को झेलते रहेंगे अब सिर्फ उनलोगो के मुंह से सिर्फ एक ही आवाज निकलता है कि अगर मरना होगा तो भुख से ही मरेंगे लेकिन पुलिस की मार से नही मरेंगे। अब मुझे अपना शहर लौटना है वही जाकर अपना जैसे चाहे वही गुजर-बसर करेंगे। अपने शहर वापस लौटने के लिए ना कोई गाड़ी है कि व्यवस्था है ना किसी भी चिज का राहत मजदूर अपने पैरों के बदोलत किसी तरह अगर अपने गांव की ओर निकालना चाहता है तो उसे पुलिस के द्वारा रास्ते से खदेड़ दीया जाता है। छिपकर गांव के गली से निकल लेते हैं तो कहीं रेल के पटरी से लेकिन फिर भी अपना जान ट्रक हादसा हो या मजदूर के उपर से ट्रेन गुजर जाता हो अपना जान गंवा देते है।
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