नई दिल्ली । इन्फोसिस में नंदन नीलेकणि की वापसी के चर्चे एक दिन पहले से ही चल रहे है लेकिन कहा जा रहा था कि इस पर अगले हफ्ते ही कोई फैसला हो पाएगा। इसकी वजह यह बताई जा रही थी कि कंपनी के सह-संस्थापक एनआर नारायणमूर्ति की तबियत खराब है। वह इस मुद्दे पर बड़े ग्लोबल निवेशकों के साथ 29 अगस्त को बातचीत करेंगे। इसके बाद ही कंपनी के नए नेतृत्व की नियुक्ति के बारे में संदेश दिया जाएगा। लेकिन गुरुवार को निदेशक बोर्ड की बैठक हो गई और इसकी किसी को खबर तक नहीं लगी। बोर्ड के फैसले के बाद कंपनी की ओर से ही नीलेकणि की नियुक्ति का एलान देर शाम को सामने आया।
अलबत्ता बालाकृष्णन के बयान से ही बीते दिन ही यह संकेत मिल गया था कि नंदन की वापसी हो सकती है। गुरुवार को दिन में पई मीडिया को बता रहे थे कि इन्फोसिस के सभी सह-संस्थापक मिलकर नंदन की वापसी को लेकर कोई फैसला करेंगे।
पई ने यह भी बताया था कि कंपनी के प्रमुख संस्थागत निवेशकों की नारायणमूर्ति के साथ चर्चा चल रही है। बड़े निवेशक चर्चा करके भविष्य में कंपनी के प्रबंधन को लेकर सुनिश्चित होना चाहते हैं। यह भी कहा गया कि मूर्ति की ग्लोबल निवेशकों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये वार्ता 29 अगस्त को तय की गई है। पूर्व सीएफओ ने उम्मीद जताई थी कि अगले कुछ दिनों में इन्फोसिस के चेयरमैन और को-चेयरमैन पद छोड़ देंगे। इसके बाद नए चेयरमैन और निदेशक बोर्ड को नियुक्त किया जाएगा।
कुछ जानकारों से पता चला है कि नीलेकणि ने कंपनी में वापसी के लिए कई शर्तें रखी हैं। कंपनी को संभालने से पहले सभी चीजें साफ-सुथरी हो जाएं।
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