नई दिल्ली। दलितों के भारत बद का देश के नौ राज्यों में असर देखा गया. कई जगहों पर हिंसा हुई । मध्य प्रदेश में चार लोगों की मौत हो गई। बिहार में एंबुलेंस रोके जाने से एक नवजात बच्चे ने दम तोड़ दिया। कई जगह झड़पें हुईं जिसमें कई लोग घायल हो गये। पंजाब में सीबीएसई की परीक्षा टाल दी गईं। उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में कई ट्रेनों को रोका गया। बिहार के मधुबनी, आरा, भागलपुर और अररिया में ट्रेनों को रोका गया। ओड़िसा और झारखंड में भी ट्रेनें रोकी गईं। एससी एसटी एक्ट पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद दलित समाज ने आज भारत बंद का आयोजन किया था। सोमवार को केंद्र सरकार ने शीर्ष अदालत में रिव्यू पिटीशन दायर की है।
भारत बंद का सबसे अधिक असर मध्य प्रदेश में देखने को मिला। ग्वालियर और मुरैना में हुई व्यापक हिंसा में दो-दो लोग मारे गये।टोल प्लाजा में तोड़फोड़ की गई। सड़क पर वाहनों में आग लगा दी गई। पांच थाना क्षेत्रों में कर्फ्यू लगा दिया गया है और इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई है। भिंड के मेहगांव और गोहद में कर्फ्यू लगा दिया गया है। झाबुआ में भी बाजार में तोड़फोड़ की खबरें हैं। सागर में धारा 144 लागू कर दिया गया है। उधर राजस्थान के बाड़मेर में दलित संगठनों और करणी सेना के बीच हुई झड़प में 25 लोग घायल होने की खबर है। पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा। भरतपुर में महिलाएं हाथों में लाठियां लेकर सड़कों पर उतर आईं। अलवर में एक मकान में आग लगाने की कोशिश की गई। प्रदर्शनकारियों ने पुलिस की गाड़ी में आग लगाई। पुष्कर में कई वाहनों में तोड़फोड़ की गई।
पंजाब में सभी स्कूल-कॉलेज, विश्वविद्यालय और बैंक बंद कर दिये गए। सीबीएसई की 10वी-12वीं की परीक्षाएं टाल दी गईं। रात 11 बजे तक बसें और इंटरनेट बंद हैं। बिहार के मोतिहारी में तोड़फोड़ की खबरें हैं। वैशाली में प्रदर्शनकारियों ने एक एंबुलेंस को रोक लिया। जाम में फंसे रहने के चलते एक नवजात की मौत हो गई।
उत्तर प्रदेश के मेरठ, गोरखपुर, सहारनपुर, हापुड़, बिजनौर, मुजफ्फरनगर, मथुरा और आगरा समेत कई जिलों में व्यापक उत्पात हुआ। मथुरा, हापुड़ और मेरठ में तोड़फोड़ करने के साथ वाहनों और पुलिस थाने में आग लगाई गई। झारखंड में कई जगहें ट्रेनें रोकी गईं। रांची में पुलिस पर पथराव हुआ।. गुजरात: सौराष्ट्र, कच्छ और राजकोट में लोगों ने प्रदर्शन किया। आगजनी-तोड़फोड़ की गई। हरियाणा: नेशनल हाइवे -1 बंद कर दिया गया। प्रदर्शनकारी कैथल में रोडवेज डिपो में घुस गए, काउंटरों पर तोड़फोड़। एक ट्रेन इंजन पर पत्थरबाजी की गई। है।
दलित संगठनों की मांग
अनुसूचित जाति-जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम 1989 में संशोधन को वापस लेकर एक्ट को पहले की तरह लागू किया जाए।
सुप्रीम कोर्ट का फैसला
गत 20 मार्च को सुप्रीम कोर्ट ने एससी-एसटी एक्ट के दुरुपयोग पर चिंता जताते हुए इसके तहत तत्काल गिरफ्तारी या आपराधिक मामला दर्ज करने पर रोक लगा दी थी। कोर्ट ने एससी-एसटी एक्ट के तहत दर्ज होने वाले केसों में अग्रिम जमानत को भी मंजूरी दे दी थी।
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