मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के शपथ ग्रहण करने पर लोग सवाल उठा रहें हैं। कहा जा रहा है कि उनके शपथ ग्रहण में काफी मात्रा में राशि का दुरुपयोग किया गया हैं। इस खर्च के लिए प्राधिकरण के एक पूर्व वरिष्ठ अधिकारी को शक के घेरे में लिया जा रहा हैं। साथ ही इस मामले पर उपाध्यक्ष सत्येंद्रवीर सिंह पर गड़बड़ी करने का शक भी जताया जा रहा हैं।
मुख्यमंत्री शपथ समारोह में बीजेपी के लगभग सभी नेता मौजूद थे। जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर उमा भारती भी शामील थी।
योगी आदित्यनाथ की शपथ ग्रहण की राशि को 2012 में हुए अखिलेश यादव के शपथ ग्रहण समारोह से तुलना की जा रही हैं। जो योगी की खर्च कि गई ऱाशि से काफी कम हैं। इस मामले में तब शक जताया गया जब बिल लखनऊ डेवलपमेंट अथॉरिटी ने सचिवालय को भेजा, जिसपर उनको लगा के बिल नकली है या फिर सामान को ज्यादा दामों पर खरीदा गया हैं। अब जांच पूरी होने के बाद ही इस बात का खुलासा हो पाएगा…
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